डॉ मनमोहन कुमार गोयल
वैज्ञानिक ‘जी’ एवं प्रभागाध्यक्ष
राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान
पश्चिमी हिमालय क्षेत्रीय केंद्र
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण परिसर
सैन्य अस्पताल के सामने , सतवारी
जम्मू कैंट: 180003 (जम्मू और कश्मीर), भारत
फोन: 0191-2432619, 01332-249262, फैक्स:0191-2450117
ईमेल: whrcnih[at]nde[dot]vsnl[dot]net[dot]in
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रीय केंद्र (WHRC), राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान के सात क्षेत्रीय केंद्रों में से एक है, तथा यह केंद्र जनवरी 1990 से जम्मू में कार्यरत है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रीय केंद्र (WHRC) के अधिकार क्षेत्र में जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र सम्मिलित हैं। केंद्र का मुख्य उद्देश्य, विभिन्न राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों एवं केंद्रशासित संस्थानों के साथ निकट संपर्क स्थापित कर क्षेत्र से सम्बंधित जलविज्ञानीय अध्ययन करना है।
अनुसंधान के महत्वपूर्ण क्षेत्र:
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का विश्लेषण
- झील जलविज्ञान
- जल की मात्रा एवं गुणवत्ता
- बाढ़ एवं नदी बेसिन निदर्शन
- क्रायोस्फीयर अध्ययन
- मृदा अपरदन एवं अवसादन अध्ययन
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR)
- जलविज्ञानीय तंत्र सुधार एवं मापयंत्रण
- जलविज्ञान में सुदूर संवेदन तकनीक का अनुप्रयोग
- झरना सूची एवं झरना उदगम विकास
अभिदृष्टि (Vision)
- जलविज्ञानीय चरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आंकलन
- पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के लिए झरना सूचीकरण एवं पुनरुद्धार
- हिमालयन क्रायोस्फीयर का प्रबोधन एवं जलविज्ञानीय निदर्शन
- पारिस्थितिकीय अविरत्ता के लिए जल गुणवत्ता अध्ययन
- सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रयोग द्वारा मृदा संरक्षण के लिए जलग्रहण क्षेत्रों की प्रायिकता
- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं जन जागरूकता पहल
- WHRC जम्मू – विवरणिका (पी.डी.एफ. डाउनलोड करें)