राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की
राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रुड़की में संघ सरकार की राजभाषा नीति का समुचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2000 में अलग से एक हिंदी प्रकोष्ठ की स्थापना की गई थी । इस प्रकोष्ठ का दायित्व संस्थान तथा इसके काकीनाड़ा, बेलगॉव, गुवाहाटी, पटना, भोपाल तथा जम्मू स्थित छ: क्षेत्रीय केंद्रों में राजभाषा अधिनियम, इसके तहत बनाए गए नियमों तथा राजभाषा हिंदी संबंधी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने के साथ-साथ निम्नलिखित कार्यो को नि:ष्पादित करना भी है :-
- (राजभाषा विभाग द्वारा जारी राजभाषा नीति से जुड़े संवैधानिक प्रावधानों एवं प्रस्तावों से संबंधित अनुदेशों/मार्गदर्शी सिद्धांतों का समुचित अनुपालन ।
- प्रशासनिक, तकनीकी, एवं गैर-तकनीकी प्रकृति के कार्यों का अंग्रेजी से हिंदी तथा इसके विलोमत: अनुवाद कार्य ।
- कर्मचारियों को राजभाषा हिंदी संबंधी नियमों एवं अधिनियमों की जानकारी देने तथा सरकार की राजभाषा नीति के विभिन्न पहलुओं से परिचित करवाने के लिए संस्थान में हर तिमाही में एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन करवाना ।
- संस्थान में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए सुखद वातावरण तैयार करने हेतु हर वर्ष हिंदी मास का आयोजन पूरे उत्साह एवं उमंग के साथ करवाना, इसके तहत हिंदी की विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करवाना तथा बेहतर प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारियों को नकद पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान करना ।
- संस्थान में हो रहे हिंदी कार्यों की समीक्षा करने तथा सरकारी कामकाज में हिंदी को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार-विमर्श करने के लिए निदेशक राजसं की अध्यक्षता में गठित राजभाषा कार्यान्वयन समिति की हर तिमाही में एक बैठक आयोजित करवाना ।
- संस्थान की वार्षिक गृह पत्रिका ‘’प्रवाहिनी’’ के प्रकाशन के साथ-साथ छमाही तकनीकी पत्रिका ‘’जल चेतना’’ का भी प्रकाशन करना ।
- नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, हरिद्वार की विभिन्न गतिविधियों में नियमित रूप से प्रतिभाग करना ।
- जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्रालय, राजभाषा विभाग, नई दिल्ली तथा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, हरिद्वार को नियमित अंतराल पर तिमाही/वार्षिक हिंदी प्रगति रिपोर्ट, वार्षिक मूल्यांकन रिपोर्ट तथा अन्य रिपोर्ट संप्रेषित करना ।
- ग्रामीण महिलाओं तथा स्कूली बच्चों के लिए जल, जल गुणवत्ता तथा जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों पर कार्यशाला आयोजित करना । यह कार्यशाला वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है ।
उपर्युक्त के अतिरिक्त हर वर्ष संस्थान के 10 कर्मचारियों को ‘’हिंदी में मूल टिप्पण/आलेखन‘’ प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत अधिकतम हिंदी कार्यों के लिए नकद पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं ।
इन समस्त कार्यों के नि:ष्पादन की जिम्मेवारी संस्थान के निम्नलिखित पदाधिकारियों को सौंपी गई है :-